समुद्र मंथन का साक्ष्य

#हर हर महादेव
समुद्र मंथन का साक्ष्य
हिन्दू धर्म जिसे सनातन धर्म के नाम से सभी जानते है उसमें समुद्र मंथन और उससे निकले अमृत कलश की बातें न जाने हम कितने सालों से सुनते आ रहे हैं। हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ एक पौराणिक कथा मानते हैं, सच नहीं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मुस्लिम देश इंडोनेशिया में एक ऐसा मंदिर है, जहां के बारे में कहा जाता है कि वहां आज भी वो अमृत कलश मौजूद है, जो समुद्र मंथन से निकला था।

इस मंदिर का नाम कंडी सुकुह है, जो मध्य और पूर्वी जावा प्रांतों की सीमा पर माउंट लावू (ऊंचाई 910 मीटर यानी 2,990 फीट)) के पश्चिमी ढलान पर स्थित है। इस प्राचीन मंदिर में एक ऐसा कलश मौजूद है, जिसमें एक द्रव्य हजारों सालों से मौजूद है। माना जाता है कि ये अमृत है, जो अभी तक सूखा नहीं है।

दरअसल, साल 2016 में इंडोनेशिया के पुरातत्व विभाग द्वारा इस मंदिर की मरम्मत का काम चल रहा था, तभी विशेषज्ञों को मंदिर की दीवार की नींव से एक तांबे का कलश मिला, जिसके ऊपर एक पारदर्शी शिवलिंग स्थापित था और कलश के भीतर कोई द्रव्य भरा हुआ था।

शोध में पता चला कि तांबे के उस कलश को इस तरह से जोड़ा गया था कि उसे कोई खोल न सके। एक और बात जो सबसे हैरान करने वाली थी, वो ये कि जिस दीवार की नींव से वो कलश मिला था, उसपर समुद्र-मंथन की नक्काशी थी और महाभारत के आदिपर्व का वर्णन किया गया था।

ऐसा माना जाता है कि तांबे का वो कलश 1000 ईसा. पूर्व का है, जबकि मंदिर 1437 ईसा. पूर्व के आसपास बनाया गया था। इस काल में इंडोनेशिया पूरी तरह से हिंदू राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन 15वीं सदी में जब इंडोनेशिया में इस्लाम का वर्चस्व हुआ तो इस मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। माना जाता है कि उसी समय तांबे के उस कलश को इस मंदिर में छुपा दिया गया हो या किसी कारण सेकोई व्यक्ति इस द्रव्य की गलत हांथो में न जाने देना चाहता हो भूतकाल में क्या हुआ है ये तो महादेव ही जाने🙏
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